surendra@4004

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लेखनी कहानी -09-Nov-2021

       मैं तुम्हें प्यार करना चाहता हूं


मैं तुम्हारा हाथ थामकर तुम्हारे साथ चलना चाहता हूं;
मैं तुम्हें और सिर्फ़ तुम्हे प्यार करना चाहता हूं।
जब थकान होगी तो तुम्हें बाहों में लेना चाहता हूं;
मैं तुम्हें और सिर्फ तुम्हें प्यार करना चाहता हूं।
घर के कामों में तुम्हारा हाथ बंटाना चाहता हूं;
मै तुम्हें और सिर्फ तुम्हें प्यार करना चाहता हूं।
जब थक जाओगी तुम तो तुम्हारा पैर दबाना चाहता हूं;
मैं तुम्हें और सिर्फ तुम्हें प्यार करना चाहता हूं।
जब नींद न आएगी तुम्हें तो लोरी सुनाना चाहता हूं;
मैं तुम्हें और सिर्फ तुम्हें प्यार करना चाहता हूं।
जब सुबह उठोगी तुम तो कॉफी पिलाना चाहता हूं;
मैं तुम्हें और सिर्फ तुम्हें प्यार करना चाहता हूं।
जब बोर होगी तुम तो तुम्हें बाहर ले जाना चाहता हूं;
मैं तुम्हें और सिर्फ तुम्हें प्यार करना चाहता हूं।
जब बात न मानोगी तो तुम्हें शॉपिंग कराना चाहता हूं;
मैं तुम्हें और सिर्फ तुम्हें प्यार करना चाहता हूं।
जब रुठ जाओगी तुम तो तुम्हें मनाना चाहता हूं;
मैं तुम्हें और सिर्फ तुम्हें प्यार करना चाहता हूं।
मैं हर लम्हा हर पल तुम्हारे साथ जीना चाहता हूं;
मैं तुम्हें और सिर्फ तुम्हें प्यार करना चाहता हूं
मैं दुनियां की सारी खुशियां तुम्हें देना चाहता हूं;
मैं तुम्हें और सिर्फ तुम्हें प्यार करना चाहता हूं।
    

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1 Comments

Niraj Pandey

10-Nov-2021 10:32 AM

बहुत खूब

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